तर्ज : पल्लो लटके
खेलां होळी रे भराला झोली - 2
जरा सा बाहर आजा सांवरे खेलाला होळी - 2
सुसरो जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने माळा देय बेठार खेलालां होळी ।
सासु जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने मन्दिरयो पहुंचाय खेलालां होळी ।
जेठ जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने आफिस में पहुचाय खेलालां होळी ।
जेठानी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने रसोड़ा भोलाय खेलालां होळी ।
देवर जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने कॉलेज पहुचाय खेलालां होळी ।
देवरानी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2
बाने पिवरिया पहुचाय खेलालां होळी ।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें