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शनिवार, 12 मार्च 2022

जरा सा बाहर आ जा jara sa bahar aa ja bhajan

 तर्ज : पल्लो लटके


खेलां होळी रे भराला झोली - 2

जरा सा बाहर आजा सांवरे खेलाला होळी - 2


सुसरो जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने माळा देय बेठार खेलालां होळी ।


सासु जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने मन्दिरयो पहुंचाय खेलालां होळी ।


जेठ जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने आफिस में पहुचाय खेलालां होळी ।


जेठानी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने रसोड़ा भोलाय खेलालां होळी ।


देवर जी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने कॉलेज पहुचाय खेलालां होळी ।


देवरानी रूठे तो म्हारो काई करसी - 2

बाने पिवरिया पहुचाय खेलालां होळी ।