आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है
मदरी मदरी चले है बसन्ती घूंघट खोले है मनड़ो म्हारो डोले है
नदी किनारे बैठो प्रेमी झर झर आंसू रोवे है -2
दौड़ी दौड़ी आई रे प्रेमिका -2
(फिल्मी गीत सम्पुट : राही मनवा दुख की चिंता क्यो सताती)
दौड़ी दौड़ी आई रे प्रेमिका पायल बाजे है, मनड़ो म्हारो नाचे है
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है
चढ़ती जवानी थारी लेवे अंगड़ाई तू तो नार पराई है -2
म्हारे लारे हुई रे बावरी - 2
(फिल्मी गीत सम्पुट : मेरे देश की धरती सोना उगले)
म्हारे लारे हुई रे बावरी - 2
काल सगाई है तू तो अजब लगाई है
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है
थारी म्हारी प्रेम कहानी सारी दुनिया जाने है -2
थारो म्हारो प्रेम अमर है -2
(फिल्मी गीत सम्पुट : जन्म जन्म का साथ है हमारा)
थारो म्हारो प्रेम अमर है -2
सौगन्ध खाई है अब ना सहन जुदाई है
आजा प्रेमी बागां में कोयलड़ी बोले है मनड़ो म्हारो डोले है
गीत : k d somani
ये गीत आपको उपलब्ध करवाता हूं ताकि अधिक से अधिक लोग इनका आनन्द उठा सकें । फागुन के मजे ले सके । कृपया कमेंट द्वारा हौसला बढ़ाएं ।
आपका श्रीलाल राठी
aap ka bahut bahut aabhar
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