बुधवार, 18 सितंबर 2019

Dhola Dhol Majira Baje Re

ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

साथ कळी रो घाघरो जी, कळी कळी में घेर 
पैर बिचारा निसरे, रुपया रो हो गया ढेर 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

म्हे ढोला थने घणी कही जी भक्तन के मत जाय 
टको लगावे गांठ को जीरो लगा कर आय 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

म्हे ढोला थने घणी कही जी परदेसा मत जाय
परदेसाँ की नारियां में मत ना प्रीत लगाय 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

जयपुर के बाजार में पड्यो पेमली बोर 
नीची होय उठावन लागि, पड्यो कमर में जोर 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे , काळी छींट को घाघरो निजारा मारे रे 
ओ ढोला ढोल मजीरा बाजे रे

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