रविवार, 17 अप्रैल 2016

कागलिया गेरो गेरो बोले

कागलिया, गेरो गेरो बोले नी रे - २ 
म्हारो परवानो बातलियो परदेस 
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे 

कागलिया बाग़ तो लगा दियो रे - २ 
म्हारा बागां में घुमणियो परदेस 
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे

कागलिया, हौद तो बनाय लिया रे 
म्हारा होदां में नहावणीयो परदेस 
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे

कागलिया, महल तो बणा दिया रे 
म्हारा महलां में सोवणीयो परदेस 
परदेसिड़ा ओलु थारी आवेनी रे






1 टिप्पणी: