उमराव थारी सूरत प्यारी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
उमराव थारी बोली मीठी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
आप झरोखे बैठिया अलबेला सरदार
हाजर रेवे गोरडी कर सोळा सिणगार
ओ जी उमराव थारी बोली मीठी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
चार कूट की बावड़ी ज्यां में शीतल नीर
आपां रळ मिल न्हावसां नणदल बाई रा बीर
उमराव थारी संगत प्यारी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
उमराव जी ओ जी उमराव - २
उमराव थारी बोली मीठी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
आप झरोखे बैठिया अलबेला सरदार
हाजर रेवे गोरडी कर सोळा सिणगार
ओ जी उमराव थारी बोली मीठी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
चार कूट की बावड़ी ज्यां में शीतल नीर
आपां रळ मिल न्हावसां नणदल बाई रा बीर
उमराव थारी संगत प्यारी लागे म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
चांदी को इक बाटको, ज्यां में भरिया भात
हुकुम देवो सरकार थे, जीमां दोन्यां साथ
ओ जी सिरकार थाने पंखियों ढुलाऊँ म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव - २
पिव आया परदेस से जाजम देइ बिछाय
तन मन की फिर पुछस्यां हिवड़े ल्यो लिपटाय
ओ जी हुकुम करो तो धन थारी हाजर है म्हारा राव
उमराव जी ओ जी उमराव
ओ गाणो इण स्यूँ बडो भी सुण्योडो लागै। बाकी बंच्योडा बोल बी लिख भेज्या सा 🙏
जवाब देंहटाएंDakiya re dakiya re kagaj likh de
जवाब देंहटाएंओ गाणों अठ स्यू शरू कोनी होव सा,,, गाण री पेली लेन ही.... के प्रीतम गो रूसनो सांझ पड़या मन जाय.... हु शरु होव
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